Skip to product information
1 of 1

करूं

करूं

क्या करूं क्या ना करूं करूं कर दी है अब मैं इसपर यह निराशा व्यक्त करूं कि मुझे पार्टी ने राजस्थान में क्यों कुछ नहीं दिया तो यह मायने नहीं रखता है '' करूं करूं और तू ने आज्ञा दिई कि मैं तुझे प्रेम करूं ॥ २ हे नित्य प्रेम के श्रादिप्रवाह मैं तेरे विषय में क्या कहूं ॥ मैं क्योंकर तुझे स्मरण न करूं

करूं तुमसे शिकायत क्या करूं Rajesh Meena · Mere Alfaz हजार झरने सुख जाते हैं समंदर के

Regular price 195.00 ₹ INR
Regular price Sale price 195.00 ₹ INR
Sale Sold out
View full details